शंकरी देवी पूजा
शंकरी देवी पूजा एक महत्वपूर्ण हिन्दू परंपरागत पूजना है जो भगवान शिव और देवी पार्वती की संयुक्त स्वरूपिणी को समर्पित है। इस पूजा का मुख्य उद्देश्य शिव और पार्वती माता के सामूहिक आशीर्वाद को प्राप्त करना है, जो विवाहित जीवन में समृद्धि, सौभाग्य, और परिवारिक सुख के लिए अत्यधिक आवश्यक होता है। शंकरी देवी पूजा को विशेष रूप से श्राद्धालु महिलाएं करती हैं, जो अपने पति और परिवार के लिए लंबी और सुरक्षित जीवन की कामना करती हैं। इस पूजा में, प्रार्थना की जाती है कि शिव और पार्वती देवी सभी समस्याओं को दूर करने में सहायक हों और समृद्धि और सौभाग्य के संदेश को बनाए रखें। यह पूजा विशेष रूप से कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष के दूसरे दिन को की जाती है, जब इस दिन माता पार्वती ने अपनी तपस्या से अपने पति भगवान शिव को प्राप्त किया था।
शंकरी देवी पूजा के लाभ
- पति-पत्नी के बीच समृद्धि और सौभाग्य का आशीर्वाद।
- पारिवारिक हर्ष और खुशी का वृद्धि।
- दैहिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार।
- धन संबंधी समस्याओं का समाधान।
- समाज में सम्मान और प्रतिष्ठा का मार्गदर्शन।
- सत्य, शक्ति, और सौम्यता की वृद्धि।
- आर्थिक समृद्धि और व्यापार में लाभ का प्राप्ति।
- दुर्गन्ध हटाने और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति।
- विवाह में देरी के निवारण का साधन।
- शांति और समृद्ध परिवार के लिए समर्पित जीवन।
- स्वयं से और दूसरों के साथ अच्छे संबंधों का स्थापना।
- बुरी नजर और दुश्मनों से सुरक्षा।
- आध्यात्मिक उन्नति और अंतरंग शक्ति का विकास।
- कर्मबंधनों के निवारण में सहायक होना।
- शत्रुओं और विघ्नों का नाश।
- संतान सुख का संरक्षण।
- आर्थिक संकटों से मुक्ति।
- विद्या और बुद्धि का वरदान।
- धर्म के पालन में सहायक होना।
- ब्रह्मचर्य और गृहस्थ जीवन में समानता का स्थापना।
हम इस पूजा को योग्य पंडित द्वारा करवाते हैं। इस पूजा को ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों माध्यमों से करवा सकते हैं।
Muhurth: कार्तिक मास की कृष्ण द्वितीया