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Tara puja vidhi for sudden money

तारा पूजा :

अचानक धन प्रदान करने वाली माता तारा दस महाविद्याओं में से दूसरी महाविद्या हैं। उन्हें ज्ञान, सुरक्षा, और मुक्ति की देवी माना जाता है। तारा का अर्थ है “तारण करने वाली,” अर्थात जो अपने भक्तों को संसार के संकटों से तारने वाली हैं। उनकी पूजा विशेष रूप से बौद्ध और तांत्रिक परंपराओं में महत्वपूर्ण है।

माता तारा का स्वरूप:

माता तारा का स्वरूप उग्र और दयालु दोनों रूपों में देखा जाता है। वे नीले रंग की होती हैं, जिसके कारण उन्हें नील सरस्वती भी कहा जाता है। उनके चार हाथ होते हैं, जिनमें से एक में खड्ग (तलवार), दूसरे में खप्पर (कटे हुए सिर का पात्र), तीसरे में वर मुद्रा, और चौथे में अभय मुद्रा होती है। वे कमल के आसन पर विराजमान होती हैं और उनके गले में नरमुंडों की माला होती है।

तारा पूजा के लाभ:

  1. ज्ञान और विद्या प्राप्ति: माता तारा की पूजा से ज्ञान और विद्या की प्राप्ति होती है।
  2. संकटों से रक्षा: जीवन के सभी संकटों और बाधाओं से रक्षा होती है।
  3. मुक्ति: भौतिक और आध्यात्मिक मुक्ति प्राप्त होती है।
  4. आत्मिक शक्ति: पूजा से आत्मिक शक्ति और मानसिक स्थिरता प्राप्त होती है।
  5. भय निवारण: सभी प्रकार के भय और अज्ञान से मुक्ति मिलती है।
  6. धन लाभः हर तरह का आर्थिक लाभ होता है।

तारा पूजा की विधि:

  1. पूजा स्थल की तैयारी: पूजा स्थल को स्वच्छ करें और एक चौकी पर नीले वस्त्र बिछाएं।
  2. मूर्ति या चित्र स्थापना: माता तारा की मूर्ति या चित्र को चौकी पर स्थापित करें।
  3. अभिषेक और अर्पण: माता को पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर) से अभिषेक करें और नीले फूल, काले तिल, और सफेद मिठाई अर्पित करें।
  4. दीप और धूप जलाना: माता के समक्ष दीपक और धूप जलाएं।
  5. हवन: यदि संभव हो, तो तारा पूजा में हवन करें, जिसमें तिल, घी, और कपूर का उपयोग करें।
  6. आरती और प्रसाद वितरण: माता की आरती करें और प्रसाद वितरण करें।
  7. तारा मंत्र- ॐ स्त्रीं तारे तुतारे नमः “OM SHREEM TARE TUTARE NAMAHA”

विशेष दिन:

  1. माता तारा की पूजा के लिए मंगलवार और गुरुवार का दिन विशेष रूप से शुभ माना जाता है। इसके अलावा, नवरात्रि के दिनों में भी माता तारा की पूजा करना अत्यंत लाभकारी होता है।

माता तारा की पूजा से व्यक्ति ज्ञान, सुरक्षा, और मुक्ति प्राप्त कर सकता है। उनकी कृपा से जीवन में सभी प्रकार की समस्याओं और बाधाओं से मुक्ति मिलती है। श्रद्धा और विश्वास के साथ माता की आराधना करने से मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं और जीवन में सुख-शांति प्राप्त होती है।