आकर्षक ब्यक्तित्व प्रदान करने वाली योगिनी सुर-सुंदरी साधना से चक्र जागरण के साथ अध्यात्मिक शक्ति बढनी शुरु हो जाती है। मनुष्य ग्रहस्थ जीवन व भौतिक जीवन मे उन्नति करता है। ये साधना उनको करनी चाहिये जो अपनी आध्यात्मिक ऊर्जा को जागृत करना और उच्च आत्मज्ञान प्राप्त करना चाहते हैं। सुर-सुंदरी योगिनी की साधना से साधक को दिव्य दृष्टि, आध्यात्मिक शक्ति, और मानसिक शांति प्राप्त होती है।
योगिनी सुर-सुंदरी साधना के लाभ:
- आध्यात्मिक जागृति: यह साधना साधक की आध्यात्मिक ऊर्जा को जागृत करती है और उसे आत्म-साक्षात्कार की दिशा में मार्गदर्शन करती है।
- दैवीय शक्ति और सुरक्षा: सुर-सुंदरी योगिनी साधना करने से साधक को दैवीय शक्ति प्राप्त होती है जो उसे नकारात्मक ऊर्जा और दुष्ट प्रभावों से बचाती है।
- मानसिक शांति और संतुलन: साधना के नियमित अभ्यास से मन में शांति और संतुलन, और तनाव, चिंता और मानसिक अशांति से मुक्ति मिलती है।
- स्वास्थ्य लाभ: साधक की जीवन ऊर्जा (प्राण शक्ति) में वृद्धि होती है, जिससे शरीर स्वस्थ और ऊर्जावान रहता है।
- आध्यात्मिक ज्ञान और विवेक: उसे जीवन के सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है और जीवन के उद्देश्य का बोध होता है।
- सौंदर्य और आकर्षण: व्यक्ति के व्यक्तित्व में आकर्षण और चमक आती है, जिससे वह दूसरों को सहज ही प्रभावित कर सकता है।
- भौतिक समृद्धि: साधना के प्रभाव से साधक के जीवन में भौतिक समृद्धि और सुख-शांति का वास होता है।
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