विघ्न बाधा दूर करने वाली गणेश पूजा हिंदू धर्म बहुत ही ज्यादा माना जाता है। जब नये कारय शुरु कर रहे हो, कार्य मे सफलता पानी हो, कार्य मे विघ्न आ रही हो, बहुत दिनो से कार्य रुका हुआ हो तो भगवान गणेश की पूजा अवश्य करवानी चाहिये। भगवान गणेश, जिन्हें विघ्नहर्ता और शुभता के प्रतीक के रूप में जाना जाता है, की पूजा के द्वारा सभी प्रकार की बाधाओं और समस्याओं का निवारण होता है। गणेश जी को प्रथम पूज्य देवता माना गया है, अर्थात् किसी भी धार्मिक अनुष्ठान या कार्य का आरंभ उनसे किया जाता है। इस प्रकार, गणेश पूजा का विशेष महत्व है।
गणेश पूजा का महत्व:
गणेश जी को ज्ञान, बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता माना जाता है। वे ऋद्धि और सिद्धि के स्वामी हैं और उनकी पूजा से सभी प्रकार की सिद्धियों की प्राप्ति होती है। गणेश जी को सभी देवताओं में प्रथम पूज्य माना गया है। किसी भी पूजा या महत्वपूर्ण कार्य को प्रारंभ करने से पहले गणेश जी की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
गणेश पूजा की विधि:
गणेश पूजा की विधि बहुत ही सरल और प्रभावशाली है। इसे करने के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है: एक स्वच्छ स्थान, गणेश जी की मूर्ति या चित्र, लाल कपड़ा, पुष्प, अक्षत (चावल), कुमकुम, दीपक, धूपबत्ती, मोदक (गणेश जी का प्रिय भोग), और पान-सुपारी।
- स्थान की शुद्धि: सबसे पहले पूजा स्थान की शुद्धि करें। स्वच्छ जल से उस स्थान को धोएं और लाल कपड़ा बिछाएं।
- मूर्ति या चित्र की स्थापना: गणेश जी की मूर्ति या चित्र को उस स्थान पर स्थापित करें।
- स्नान और वस्त्र अर्पण: गणेश जी को गंगाजल या स्वच्छ जल से स्नान कराएं और नए वस्त्र अर्पित करें।
- तिलक और पुष्प अर्पण: गणेश जी को कुमकुम से तिलक करें और पुष्प अर्पित करें।
- धूप और दीप: धूपबत्ती और दीपक जलाएं और गणेश जी की आरती करें।
- भोग अर्पण: गणेश जी को मोदक या उनके प्रिय मिष्ठान्न का भोग लगाएं।
- प्रार्थना और मंत्र: गणेश जी की प्रार्थना करें और “ॐ गण गणपतये नमः” मंत्र का जाप करें।
- आरती: गणेश जी की आरती गाएं और अंत में सभी उपस्थित लोगों में प्रसाद वितरित करें।
गणेश पूजा के लाभ:
गणेश पूजा के अनेक लाभ हैं। यह पूजा व्यक्ति को मानसिक शांति, बुद्धि, और समृद्धि प्रदान करती है। गणेश जी की कृपा से सभी प्रकार की बाधाएं और समस्याएं दूर होती हैं। वे अपने भक्तों को सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और सफलता प्रदान करते हैं।
- बाधाओं का निवारण: गणेश जी को विघ्नहर्ता कहा जाता है, अर्थात् वे सभी प्रकार की बाधाओं और समस्याओं का निवारण करते हैं। किसी भी नए कार्य की शुरुआत से पहले गणेश जी की पूजा करने से वह कार्य बिना किसी बाधा के संपन्न होता है।
- बुद्धि और ज्ञान: गणेश जी को बुद्धि और ज्ञान का देवता माना जाता है। उनकी पूजा करने से व्यक्ति की स्मरण शक्ति और ज्ञान में वृद्धि होती है।
- समृद्धि और सौभाग्य: गणेश जी को समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। उनकी कृपा से व्यक्ति के जीवन में धन, ऐश्वर्य, और सफलता का आगमन होता है।
- स्वास्थ्य लाभ: गणेश जी की पूजा करने से व्यक्ति का स्वास्थ्य उत्तम रहता है और वे दीर्घायु होते हैं।
- मानसिक शांति: गणेश जी की पूजा से मानसिक शांति और सुकून मिलता है। यह पूजा व्यक्ति को चिंता और तनाव से मुक्त करती है।
गणेश मंत्र:
गणेश जी की पूजा में मंत्रों का विशेष महत्व है। कुछ प्रमुख गणेश मंत्र इस प्रकार हैं:
- ॐ गण गणपतये नमः “OM GAM GANAPATAYE NAMAHA”
- ॐ वक्रतुण्डाय हुं “OM VAKRATUNDAAY HUMM”
- ॐ श्रीं गं सौम्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय नमः “OM SHREEM GAMM SAUMYAAY GANAPATE VAR VARAD SARVAJANAM ME VASHAMAANAY NAMAHA”
- ॐ एकदन्ताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दन्ति प्रचोदयात् “OM EKDANTAAY VIDYAMAHE VAKRATUNDAAY DHEEMAHI TANNO DANTI PRACHODAYAAT”
गणेश पूजा के उपवास:
जिस दिन पूजा हो उस दिन उपवास रखना चाहिये। इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि और शांति का आगमन होता है। व्रत के दौरान फलाहार और दूध का सेवन किया जा सकता है। दिन भर भगवान गणेश के मंत्रों का जाप और भजन-कीर्तन किया जाता है।
गणेश पूजा का वैज्ञानिक महत्व:
गणेश पूजा का वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी महत्व है। गणेश जी के चित्र या मूर्ति को देखने से मन को शांति और सुकून मिलता है। उनकी पूजा करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
गणेश पूजा एक अद्वितीय और पवित्र धार्मिक अनुष्ठान है, जो व्यक्ति को सभी प्रकार की बाधाओं और समस्याओं से मुक्त करता है और जीवन में सुख-समृद्धि, शांति, और सफलता का आगमन करता है। गणेश जी की कृपा से व्यक्ति के जीवन में सभी कार्य निर्विघ्न संपन्न होते हैं और वह सदैव शुभता और सौभाग्य का अनुभव करता है।