चारों दिशाओं से सुरक्षा देने वाले पंचमुखी हनुमान का जीवन और कहानी उनके बहुमुखी स्वरूप को प्रकट करती है, जो उनकी अद्वितीय और वीरता की प्रतिष्ठा को दर्शाती है। इनकी साधना नौकरी, ब्यापार की सुरक्षा के साथ पारिवारिक जीवन खुशहान होता है।
हनुमान जी के पंचमुख
- प्रथम मुख (ईशान्यमुख) – यह मुख आकाश की दिशा को देखता है और आत्मा की शांति और मोक्ष के लिए प्रार्थना करता है।
- द्वितीय मुख (अग्नि मुख) – यह मुख अग्नि की दिशा को देखता है और शत्रुओं का नाश करने के लिए शक्ति प्रदान करता है।
- तृतीय मुख (यम मुख) – यह मुख मृत्यु की दिशा को देखता है और भय को दूर करने के लिए साहस और स्थिरता प्रदान करता है।
- चतुर्थ मुख (वायु मुख) – यह मुख हवा की दिशा को देखता है और विद्या और बुद्धि के लिए कृपा प्रदान करता है।
- पंचम मुख (नृत्य मुख) – यह मुख नृत्य की दिशा को देखता है और सुख और समृद्धि के लिए आशीर्वाद प्रदान करता है।
पंचमुखी हनुमान का लाभ:
- रक्षा और सुरक्षा: पंचमुखी हनुमान की साधना से शत्रुओं और बुराई से रक्षा मिल सकती है। वे अपने भक्तों को सुरक्षित रखने का कार्य करते हैं।
- आत्मविश्वास: पंचमुखी हनुमान की भक्ति से आत्मविश्वास में वृद्धि हो सकती है और व्यक्ति को सफलता की दिशा में आगे बढ़ने में मदद मिलती है।
- बुद्धि और विद्या की प्राप्ति: व्यक्ति को विद्या, बुद्धि, और ज्ञान की प्राप्ति में सहायता मिलती है।
- सुख और समृद्धि: पंचमुखी हनुमान की साधना से जीवन में सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
- आत्मिक उन्नति: इस साधना से व्यक्ति की आत्मिक उन्नति होती है और उसे अपने आत्मा के साथ संवाद में आने का अवसर मिलता है।
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