गौरी शंकर साधना
विवाह समस्या का समाधान के लिये गौरी शंकर साधना उच्चकोटी की साधना विधि मानी जाती है। इस साधना का प्रमुख उद्देश्य गौरी और शंकर, अर्थात पार्वती और शिव के देवत्व का आशीर्वाद प्राप्त करके विवाह हेतु आशीर्वाद प्राप्त करना है। इस साधना में साधक को गौरी शंकर मंत्रों का जाप, पूजा, ध्यान और अर्चना का अभ्यास करना चाहिए। गौरी शंकर साधना करने से साधक के विवाह में आने वाली समस्याये व बाधाये नष्ट होने लगती है और उसे एक सुखी और समृद्ध जीवन साथी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
गौरी शंकर साधना के लाभ:
- विवाह में समृद्धि: साधना से साधक को विवाह में समृद्धि मिलती है और उसका जीवनसाथी उससे प्रेम करता है।
- पारिवारिक सुख: साधना से साधक के पारिवारिक संबंध मधुर होते हैं और परिवार में सुख शांति बनी रहती है।
- आत्मिक उन्नति: साधना से साधक की आत्मिक उन्नति होती है और वह अपने जीवन को सफलतापूर्वक चला सकता है।
- कार्य क्षेत्र में सफलता: साधना से साधक को कार्य क्षेत्र में सफलता मिलती है और उसका करियर उत्तम दिशा में बढ़ता है।
- धार्मिक उन्नति: साधना से साधक की धार्मिक उन्नति होती है और वह धार्मिक गुणों का पालन करता है।
- सामाजिक सम्मान: साधना से साधक को सामाजिक सम्मान मिलता है और उसकी बात को लोग मानते हैं।
- आर्थिक स्थिति में सुधार: साधना से साधक की आर्थिक स्थिति में सुधार होता है और वह आर्थिक रूप से स्थिर होता है।
- स्वास्थ्य में सुधार: साधना से साधक की स्वास्थ्य में सुधार होता है और उसका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रहता है।
- अध्यात्मिक जागरूकता: साधना से साधक की अध्यात्मिक जागरूकता होती है और वह अपने आत्मा के गहरे सत्य को समझता है।
- भाग्य में सुधार: साधना से साधक का भाग्य में सुधार होता है और उसका जीवन धन्यवादनीय बनता है।
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