बंधन मुक्ति यंत्र
समस्या का निवारण करने वाला बंधन मुक्ति यंत्र एक विशेष यंत्र है जो व्यक्ति को जीवन में विभिन्न प्रकार के बंधनों से मुक्ति दिलाने में सहायक होता है।
- अंकन: यंत्र के केंद्र में एक विशिष्ट ज्योतिषीय प्रतीक होता है जिसे बंधन मुक्ति का प्रतीक माना जाता है। इसके चारों ओर विभिन्न बीज मंत्र अंकित होते हैं।
- धातु: यह यंत्र मे भोजपत्र लगा कर लैमिनेट किया जाता है।
- मंत्र: इस यंत्र पर अंकित बीज मंत्र व्यक्ति की ऊर्जा को केंद्रित करके नकारात्मक प्रभावों को दूर करने में मदद करते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख मंत्र इस प्रकार हो सकते हैं:
- “ॐ हं हनुमते नमः” “OM HAMM HANUMANTE NAMAHA”
- “ॐ क्लीं कालिकायै नमः” “OM KLEEM KAALIKAAYE NAMAHA”
- उपयोग: बंधन मुक्ति यंत्र को शुद्ध और पवित्र स्थान पर स्थापित करना चाहिए। इसे प्रतिदिन प्रातः और सायं काल में धूप और दीपक के साथ पूजन करना चाहिए। यंत्र को पहनने या अपने पूजा स्थल में रखने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और व्यक्ति जीवन में बंधनों से मुक्त होता है।
- लाभ:
- जीवन में आने वाले अवरोधों का नाश होता है।
- कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
- शत्रुओं से सुरक्षा मिलती है।
- मानसिक शांति और आत्मिक बल की वृद्धि होती है।
पूजन विधि
- यंत्र को किसी शुभ मुहूर्त में, खासकर मंगलवार या शनिवार के दिन, स्थापित करें।
- यंत्र को गंगा जल या किसी पवित्र जल से स्नान कराएं।
- यंत्र के सामने धूप, दीप और पुष्प अर्पित करें।
- यंत्र के बीज मंत्र का जप करें।
बंधन मुक्ति यंत्र का सही तरीके से पूजन और उपयोग करने से व्यक्ति को जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और सफलता प्राप्त होती है। इस यंत्र को शुभ मुहूर्त में और सही विधि से स्थापित करने से इसका अधिकतम लाभ प्राप्त किया जा सकता है।