इस अष्ट सरस्वती यंत्र ११०१ अष्ट सरस्वती मंत्र से सिद्ध किया गया है। इस यंत्र मे देवी सरस्वती के आठ स्वरूपों की शक्तिया समाहित होती है। देवी सरस्वती ज्ञान, संगीत, कला, और विद्या की देवी मानी जाती हैं, और इस यंत्र का पूजन करने से साधक को बुद्धि, ज्ञान, और सही निर्णय लेने मे आसानी होती है।
अष्ट सरस्वती यंत्र के लाभ:
- ज्ञान और विद्या: यह यंत्र छात्रों और विद्वानों के लिए अत्यंत लाभकारी है, क्योंकि यह ज्ञान और विद्या में वृद्धि करता है।
- बुद्धिमत्ता और विवेक: यंत्र का नियमित पूजन साधक की बुद्धिमत्ता और विवेक में वृद्धि करता है।
- संगीत और कला: कलाकारों और संगीतकारों के लिए यह यंत्र उनकी कला और संगीत में निपुणता प्रदान करता है।
- मंत्र शक्ति: अष्ट सरस्वती यंत्र का पूजन मंत्रों की शक्ति को बढ़ाता है और साधक को मंत्र सिद्धि प्रदान करता है।
- धार्मिक और आध्यात्मिक लाभ: यह यंत्र धार्मिक और आध्यात्मिक साधनाओं में सफलता दिलाने में सहायक है।
अष्ट सरस्वती यंत्र की स्थापना और पूजा:
- शुभ मुहूर्त: किसी भी बुधवार की सुबह इस यंत्र को अपने पूजाघर मे स्थापित कर सकते हैं।
- सफाई और शुद्धिकरण: यंत्र को गंगाजल या किसी पवित्र जल से शुद्ध करें।
- पूजन सामग्री: सफेद पुष्प, धूप, दीपक, चंदन, और अन्य पूजन सामग्री एकत्रित करें।
- मंत्र जाप: “ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः” “OM AIM SARASWATEYA NAMAHA” मंत्र का जाप करें और यंत्र की पूजा करें।
- ध्यान: पूजा के बाद कुछ समय के लिए ध्यान करें और देवी सरस्वती का ध्यान करें।
अष्ट सरस्वती यंत्र की नियमित पूजा और साधना से आप अपने जीवन में ज्ञान, बुद्धिमत्ता, और रचनात्मकता में वृद्धि कर सकते हैं। यह यंत्र आपके जीवन को शैक्षणिक और सांस्कृतिक दृष्टि से समृद्ध बनाने में सहायक सिद्ध होगा।