अपरा एकादशी पूजा
अपरा एकादशी व्रत हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है और यह ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इस व्रत को “अचला एकादशी” के नाम से भी जाना जाता है। अपरा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। यह व्रत विशेष रूप से उन भक्तों के लिए अत्यंत फलदायी माना जाता है जो अपने पापों से मुक्ति पाना चाहते हैं और जीवन में शांति और समृद्धि की कामना करते हैं। व्रतधारी इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करते हैं। इसके बाद पूजा स्थल को साफ करके वहां भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र स्थापित करते हैं। पूजा में दीप, धूप, पुष्प, फल, और तुलसी दल का उपयोग किया जाता है। भगवान विष्णु को पंचामृत, फल, और मिठाई का भोग लगाया जाता है। विष्णु सहस्रनाम या अन्य विष्णु स्तोत्रों का पाठ किया जाता है और विष्णु जी की आरती उतारी जाती है। इस व्रत का पालन करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
अपरा एकादशी व्रत के लाभ
- पापों से मुक्ति मिलती है।
- जीवन में शांति और संतोष की प्राप्ति होती है।
- भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है।
- मानसिक शांति और स्थिरता प्राप्त होती है।
- आध्यात्मिक उन्नति होती है।
- परिवार में खुशियों का माहौल बना रहता है।
- स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
- धन-धान्य और वैभव की वृद्धि होती है।
- वैवाहिक जीवन में मधुरता आती है।
- बच्चों की उन्नति और सफलता में सहायक होता है।
- समाज में प्रतिष्ठा बढ़ती है।
- मनोबल और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
- कठिन परिस्थितियों में साहस और धैर्य प्राप्त होता है।
- व्यापार और व्यवसाय में सफलता मिलती है।
- जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- शत्रुओं से रक्षा होती है।
- सभी प्रकार की बाधाओं और कष्टों से मुक्ति मिलती है।
- मोक्ष की प्राप्ति होती है और जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति मिलती है।
यह पूजा योग्य पंडित द्वारा ही हम करवाते हैं, और हम इस पूजा को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से करवाते हैं।