अखंड द्वादशी पूजा
अखंड द्वादशी एक महत्वपूर्ण हिंदू पर्व है जिसे भगवान विष्णु की पूजा और उनकी कृपा प्राप्ति के लिए मनाया जाता है। यह पर्व विशेष रूप से उन लोगों द्वारा मनाया जाता है जो आध्यात्मिक उन्नति, मोक्ष और जीवन में सुख-शांति की कामना करते हैं। यह द्वादशी तिथि पर मनाया जाता है, जो कि शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष दोनों में आती है। इस दिन भगवान विष्णु के विभिन्न अवतारों की पूजा की जाती है और उनके नाम का संकीर्तन किया जाता है। अखंड द्वादशी के दिन भक्तगण उपवास रखते हैं और भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। वे तुलसी के पत्तों, फल, फूल, धूप, दीप और नैवेद्य के साथ भगवान को भोग अर्पित करते हैं। इस दिन की पूजा में विशेष रूप से विष्णु सहस्रनाम का पाठ और विष्णु स्तोत्र का जाप किया जाता है। यह दिन धार्मिक और आध्यात्मिक साधना के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।
अखंड द्वादशी पूजा के लाभ
- आध्यात्मिक उन्नति: इस पूजा से आत्मा की आध्यात्मिक उन्नति होती है।
- मोक्ष की प्राप्ति: यह पूजा मोक्ष प्राप्ति में सहायक होती है।
- शांति और संतुष्टि: जीवन में शांति और संतुष्टि प्राप्त होती है।
- पापों का नाश: इस पूजा से सभी पापों का नाश होता है।
- धन-धान्य में वृद्धि: इस पूजा से धन और धान्य में वृद्धि होती है।
- स्वास्थ्य में सुधार: इस पूजा से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- बाधाओं का निवारण: जीवन की सभी बाधाओं का निवारण होता है।
- भगवान की कृपा: भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।
- भय से मुक्ति: इस पूजा से सभी प्रकार के भय से मुक्ति मिलती है।
- सौभाग्य में वृद्धि: यह पूजा सौभाग्य में वृद्धि करती है।
- परिवारिक सुख: परिवार में सुख और समृद्धि बनी रहती है।
- संतान सुख: संतान प्राप्ति और उनकी उन्नति होती है।
- मानसिक शांति: मानसिक तनाव और चिंता से मुक्ति मिलती है।
- कर्मों का शुद्धिकरण: जीवन के सभी कर्मों का शुद्धिकरण होता है।
- सकारात्मक ऊर्जा का संचार: सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति: अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।
- सभी इच्छाओं की पूर्ति: सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है।
- सच्चे ज्ञान की प्राप्ति: सच्चे ज्ञान की प्राप्ति होती है।
- समाज में प्रतिष्ठा: समाज में प्रतिष्ठा मिलती है।
- आत्मविश्वास में वृद्धि: आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
यह पूजा योग्य पंडित द्वारा ही हम करवाते हैं, और हम इस पूजा को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से करवाते हैं।